राखी - अतिलघु हिन्दी कथा
मुस्लिम युवा महिला गोद में तीन माह के बच्चे को लिए ठसाठस भरी बस में चढ़ी तो उसकी दुविधामय दृष्टि सीट खोजने लगी. अनेक युवक व किशोर ढ़ीठ बने बैठे रहे तभी एक युवक अपनी सीट से उठा और उससे बैठने का आग्रह किया. उसके हाथ पर राखी बंधी थी.
डॉ शिखा कौशिक नूतन
मुस्लिम युवा महिला गोद में तीन माह के बच्चे को लिए ठसाठस भरी बस में चढ़ी तो उसकी दुविधामय दृष्टि सीट खोजने लगी. अनेक युवक व किशोर ढ़ीठ बने बैठे रहे तभी एक युवक अपनी सीट से उठा और उससे बैठने का आग्रह किया. उसके हाथ पर राखी बंधी थी.
डॉ शिखा कौशिक नूतन
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