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अप्रैल, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सियासत की समझ - अतिलघु हिन्दी कथा

सियासत की समझ "मां आप क्यों कुछ नहीं बोल रही उस नन्हीं सी बच्ची के साथ हुई दरिंदगी पर.. दो साल पहले तो आप आत्मदाह तक करने को तैयार थी ऐसी ही घटना पर?" महिला नेत्री की किशोरी पुत्री ने सवाल किया तो वो तपाक से बोली - तब हम विपक्ष में थे बिटिया.. समझा करो! ' डॉ शिखा कौशिक नूतन 

सियासती रोटियां - अतिलघु हिन्दी कथा

सियासती  रोटियां - अतिलघु हिन्दी कथा एक नन्हीं बच्ची के जिस्म को चूल्हा बनाकर, उसकी योनि में आग लगाकर कुछ भेड़ियों ने रोटी सेंकी. वे रोटियां न हिन्दू थी और न मुस्लिम... वे सियासत की भूख मिटाने के काम आई. डॉ शिखा कौशिक नूतन

ईमानदारी की मिसाल - अतिलघु हिन्दी कथा

ईमानदारी की मिसाल - अतिलघु हिन्दी कथा अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त महाविद्यालय में प्रवक्ता पद हेतु साक्षात्कार थे. सर्वाधिक आर्थिक योगदान करने वाले अभ्यर्थियों को चुन लिया गया. बाकी बचे अभ्यर्थियों के रूपये मध्यस्थ ने वापस लौटा दिये. डॉ शिखा कौशिक नूतन

बाप की सरकार - अतिलघु हिन्दी कथा

बाप की सरकार - अतिलघु हिन्दी कथा उस महिला की बॉस से पहचान थी. पारिवारिक संबंध थे. अविवाहित बॉस का टिफिन भी वही लाती थी . कार्यालय के कामों से ज्यादा बॉस के  साथ  समय  बिताकर  अपनी  कर्तव्यनिष्ठा का  प्रमाण भी  देती थी।इसीलिए कार्यालय में उसके बाप की सरकार थी.

देशभक्त पत्रकार - अतिलघु हिन्दी कथा

देशभक्त पत्रकार - अतिलघु हिन्दी कथा सोनू ने मोनू से जिज्ञासावश सवाल किया - "मोनू तेरे पापा पिछली सरकार की गलत नीतियों की अपने अखबार में बढ़ चढ़कर आलोचना करते थे पर इस सरकार के कार्यकाल में वे एकदम शांत हैं.. आखिर क्यों?"  मोनू गर्व से मस्तक उठाते हुए बोला - "वे सच्चे देशभक्त हैं!" डॉ शिखा कौशिक नूतन 

चारों उँगलियाँ घी में

चारों उँगलियाँ घी में नेता जी ने जनता को भड़काते हुए कहा-"भाईयो दूसरे धर्म के लोग तुम्हारी जान के दुश्मन हैं. "लोग उन्मादी हो गए और दंगे भड़क गये. बाद में पाया गया कि नेता जी सबको समझा रहे थे -'भाइयों ऐसा मत करो जो खून  बहा है  वो इंसानी है।' नेता जी को दंगे शांत कराने  में मुख्य भूमिका निभाने के लिए  सौहार्द सम्मान  से सम्मानित किया  गया और पार्टी द्वारा दंगे भड़काने में मुख्य भूमिका निभाकर बहुमत  दिलाने हेतु पार्टी अध्यक्ष पद प्रदान किया गया।