कटखने - अतिलघु हिन्दी कथा दो मित्र अचानक ही तीस साल बाद अनजान शहर में टकरा गये. बीती जिंदगी की चर्चा करते हुए पहला मित्र बोला - हमारे कोई संतान नहीं हुई. एक कुत्ता पाला, वह भी कटखना निकला और हमने उसे घर से निकाल दिया. दूसरा मित्र आह भरता हुआ बोला - मेरे तीन बेटे हुए. सभी काबिल और उन्होंने हमें घर से निकाल दिया. - डॉ शिखा कौशिक नूतन
राखी - अतिलघु हिन्दी कथा मुस्लिम युवा महिला गोद में तीन माह के बच्चे को लिए ठसाठस भरी बस में चढ़ी तो उसकी दुविधामय दृष्टि सीट खोजने लगी. अनेक युवक व किशोर ढ़ीठ बने बैठे रहे तभी एक युवक अपनी सीट से उठा और उससे बैठने का आग्रह किया. उसके हाथ पर राखी बंधी थी. डॉ शिखा कौशिक नूतन