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सितंबर, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कटखने - अतिलघु हिन्दी कथा

कटखने - अतिलघु हिन्दी कथा दो  मित्र अचानक ही तीस साल बाद अनजान शहर में टकरा गये. बीती जिंदगी की चर्चा करते हुए पहला मित्र बोला - हमारे कोई संतान नहीं हुई. एक कुत्ता पाला, वह भी कटखना निकला और हमने उसे घर से निकाल दिया. दूसरा मित्र  आह भरता हुआ बोला - मेरे तीन बेटे हुए. सभी काबिल और उन्होंने हमें घर से निकाल दिया. - डॉ शिखा कौशिक नूतन

राखी - अतिलघु हिन्दी कथा

राखी - अतिलघु हिन्दी कथा मुस्लिम युवा महिला गोद में तीन माह के बच्चे को लिए ठसाठस भरी बस में चढ़ी तो उसकी दुविधामय दृष्टि सीट खोजने लगी. अनेक  युवक व किशोर  ढ़ीठ बने बैठे रहे तभी एक युवक अपनी सीट से  उठा और उससे बैठने का आग्रह किया. उसके हाथ पर राखी बंधी थी. डॉ शिखा कौशिक नूतन 

जिंदगी का नशा - अतिलघु हिन्दी कथा

जिंदगी का नशा - अतिलघु हिन्दी कथा शराबी ड्राइवर की गाड़ी का छोटा सा एक्सीडेंट हो गया जिसमें उसके पैर में चोट आई. एक एम्बुलेंस  में ज्यूं ही उसे बैठाकर उसके चेले सरकारी अस्पताल ले जाने लगे, वो नशेड़ी स्वर में चिल्लाया - गधों देख लेना एम्बुलेंस के ड्राइवर ने कहीं पी ना रक्खी  हो... मरवा न दियो मुझे !!! '-डॉ शिखा कौशिक नूतन