सुनीता अपनी पड़ोसन के साथ बाजार से लौटते हुए एक बच्ची को घूरते अधेड़ उम्र के आदमी को देखकर उसकी ओर इशारा करते हुए बोली - समय कितना बदल गया नी पहले ऐसे आदमी अपहरण करने वाले लगते थे और अब ये बलात्कारी प्रतीत होते हैं. "" पड़ोसन ने हां में गर्दन हिला दी. - डॉ शिखा कौशिक नूतन
जिंदगी का नशा - अतिलघु हिन्दी कथा शराबी ड्राइवर की गाड़ी का छोटा सा एक्सीडेंट हो गया जिसमें उसके पैर में चोट आई. एक एम्बुलेंस में ज्यूं ही उसे बैठाकर उसके चेले सरकारी अस्पताल ले जाने लगे, वो नशेड़ी स्वर में चिल्लाया - गधों देख लेना एम्बुलेंस के ड्राइवर ने कहीं पी ना रक्खी हो... मरवा न दियो मुझे !!! '-डॉ शिखा कौशिक नूतन
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