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झूठ की तरक्की -अति लघुकथा

झूठ की तरक्की -अति लघुकथा
बैंक के कोने पर सालों से चाय बनाकर बेचने वाले राजू को उसका मित्र  मुन्ना छेड़ते  हुए बोला- - राजू देख ना चाय बनाने वाले कहाँ  से कहाँ पहुँच गए और तू आज तक यहीं इस खोखे पर सड़ रहा है |'' राजू मुस्कुराता हुआ बोला -'' भईया मैं झूठ नहीं बोलता |''
डॉ शिखा कौशिक  'नूतन'

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जिंदगी का नशा - अतिलघु हिन्दी कथा शराबी ड्राइवर की गाड़ी का छोटा सा एक्सीडेंट हो गया जिसमें उसके पैर में चोट आई. एक एम्बुलेंस  में ज्यूं ही उसे बैठाकर उसके चेले सरकारी अस्पताल ले जाने लगे, वो नशेड़ी स्वर में चिल्लाया - गधों देख लेना एम्बुलेंस के ड्राइवर ने कहीं पी ना रक्खी  हो... मरवा न दियो मुझे !!! '-डॉ शिखा कौशिक नूतन