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मॉरल हाई - लघुकथा

 इतनी बड़ी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष समेत दर्जनों अधिवक्ताओं से तीखी बहस के बाद जिला जज साहब ने अपना कोट और बैंड गुस्से में उतार कर फेंक दिया और  कोर्ट रूम में ही पुलिस बुलाकर उन पर लाठीचार्ज करा दिया. चारों ओर अफरा-तफरी मच गई. इस घटना के तुरंत बाद  आक्रोशित अधिवक्ताओं ने जिला जज की तानाशाही के विरुद्ध हड़ताल का ऐलान कर दिया तो उधर जजों के आधिकारिक संगठन की भी मीटिंग हुई जिसमें अधिवक्ताओं को उनके गुंडागर्दी वाले व्यवहार हेतु क्षमा मांगने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही इस पर भी चिंता जताई कि ऐसी घटनाओं से जजों का मॉरल डाउन होता है। जब यह सूचना पुलिस लाठीचार्ज में घायल अस्पताल में भर्ती अधिवक्ताओं के संज्ञान में आई तो एक युवा अधिवक्ता व्यंग्यात्मक मुस्कान के साथ बोला - '' एक बार जज साहब पर लाठीचार्ज करा के देख लीजिए शायद मॉरल हाई हो जाये। ' Do not copy  -डॉ शिखा कौशिक नूतन 
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कटखने - अतिलघु हिन्दी कथा

कटखने - अतिलघु हिन्दी कथा दो  मित्र अचानक ही तीस साल बाद अनजान शहर में टकरा गये. बीती जिंदगी की चर्चा करते हुए पहला मित्र बोला - हमारे कोई संतान नहीं हुई. एक कुत्ता पाला, वह भी कटखना निकला और हमने उसे घर से निकाल दिया. दूसरा मित्र  आह भरता हुआ बोला - मेरे तीन बेटे हुए. सभी काबिल और उन्होंने हमें घर से निकाल दिया. - डॉ शिखा कौशिक नूतन

राखी - अतिलघु हिन्दी कथा

राखी - अतिलघु हिन्दी कथा मुस्लिम युवा महिला गोद में तीन माह के बच्चे को लिए ठसाठस भरी बस में चढ़ी तो उसकी दुविधामय दृष्टि सीट खोजने लगी. अनेक  युवक व किशोर  ढ़ीठ बने बैठे रहे तभी एक युवक अपनी सीट से  उठा और उससे बैठने का आग्रह किया. उसके हाथ पर राखी बंधी थी. डॉ शिखा कौशिक नूतन 

जिंदगी का नशा - अतिलघु हिन्दी कथा

जिंदगी का नशा - अतिलघु हिन्दी कथा शराबी ड्राइवर की गाड़ी का छोटा सा एक्सीडेंट हो गया जिसमें उसके पैर में चोट आई. एक एम्बुलेंस  में ज्यूं ही उसे बैठाकर उसके चेले सरकारी अस्पताल ले जाने लगे, वो नशेड़ी स्वर में चिल्लाया - गधों देख लेना एम्बुलेंस के ड्राइवर ने कहीं पी ना रक्खी  हो... मरवा न दियो मुझे !!! '-डॉ शिखा कौशिक नूतन

काली सोच - अतिलघु हिन्दी कथा

काली सोच - अतिलघु हिन्दी कथा स्कूल टीचर बच्चों को स्कूल के वार्षिकोत्सव हेतु नृत्य की तैयारी करा रही थी. मीनू सबसे अच्छा नृत्य कर रही थी किंतु उसे दूसरी पंक्ति में स्थान दिया गया क्योंकि उसकी देह का वर्ण काला था. - डॉ शिखा कौशिक नूतन

मीडिया हाउस - अतिलघु हिंदी कथा

मीडिया हाउस तेरह वर्षीय वाणी ने  पिता जी को किसी बहस के मुद्दे  पर  खरी-खोटी सुनाते पड़ोसियों के सामने मौन खड़े देखकर उन पर चीखते हुए कहा - '' अन्य किसी के अपमान पर तो आप आसमान सिर पर उठा लेते और खुद के अपमान पर चुप हैं। आप इंसान हैं या मीडिया हाउस ?

बाजीगर - अतिलघु हिन्दी कथा

बाजीगर - अतिलघु हिन्दी कथा वो कमाल का बाजीगर था. वो  इंसानों को कठपुतली बनाकर नचाता. उसके हाथ सोने के थे. -डॉ शिखा कौशिक नूतन