लाला जी ने अपने वफादार नौकर को कड़क आवाज़ लगाई - अरे निकम्मे रामो कहाँ है तू ? आकर ए.सी. तो ऑन कर.....'' रामो नंगें पैर लाला जी के तपते मार्बल के फर्श वाले आँगन को पार कर कमरे में घुसा और ए.सी. चला दिया। लाला जी राहत की साँस लेते हुए बोले- ' अबे हरामज़ादे तुझे गर्मी नहीं लगती तो क्या हमें भी गर्मी में मरवाएगा !!!
इतनी बड़ी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष समेत दर्जनों अधिवक्ताओं से तीखी बहस के बाद जिला जज साहब ने अपना कोट और बैंड गुस्से में उतार कर फेंक दिया और कोर्ट रूम में ही पुलिस बुलाकर उन पर लाठीचार्ज करा दिया. चारों ओर अफरा-तफरी मच गई. इस घटना के तुरंत बाद आक्रोशित अधिवक्ताओं ने जिला जज की तानाशाही के विरुद्ध हड़ताल का ऐलान कर दिया तो उधर जजों के आधिकारिक संगठन की भी मीटिंग हुई जिसमें अधिवक्ताओं को उनके गुंडागर्दी वाले व्यवहार हेतु क्षमा मांगने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही इस पर भी चिंता जताई कि ऐसी घटनाओं से जजों का मॉरल डाउन होता है। जब यह सूचना पुलिस लाठीचार्ज में घायल अस्पताल में भर्ती अधिवक्ताओं के संज्ञान में आई तो एक युवा अधिवक्ता व्यंग्यात्मक मुस्कान के साथ बोला - '' एक बार जज साहब पर लाठीचार्ज करा के देख लीजिए शायद मॉरल हाई हो जाये। ' Do not copy -डॉ शिखा कौशिक नूतन
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